अ.भा.से. शाखा मुख्यतया तीन अखिल भारतीय सेवाओं नामत: भा.प्र.से., भा.पु.से. तथा भा.व.से. में पदोन्नति से संबंधित है। अखिल भारतीय सेवा शाखा द्वारा किए जा रहे कार्य की प्रमुख मदें निम्नानुसार हैं:-
1. राज्य सेवा अधिकारियों की भा.प्र.से., भा.पु.से. और भा.व.से. में पदोन्नति
2. अ.भा.से. (चयन द्वारा नियुक्ति) विनियम, 1997 के तहत अखिल भारतीय सेवाओं में नियुक्ति के लिए गैर-राज्य सिविल सेवा अधिकारियों का चयन
3. अ.भा.से. पदोन्नति/चयन से जुड़े अनुवर्ती अदालती मामले
4. अखिल भारतीय सेवा से जुड़े नीतिगत मामले और पदोन्नति विनियमों में संशोधन
5. अखिल भारतीय सेवा संवर्ग नियमावली, अखिल भारतीय संवर्ग पदों पर गैर-संवर्ग राज्य सेवा अधिकारी की नियुक्ति के मामले में आयोग के साथ परामर्श की व्यवस्था करती है, यदि ऐसी नियुक्ति छह माह से अधिक की अवधि के लिए की गई हो।
रिक्तियों का निर्धारण:
राज्य/संवर्ग के किसी भी भर्ती वर्ष के लिए अखिल भारतीय सेवाओं पर भर्ती की चयन प्रक्रिया केंद्रीय सरकार द्वारा राज्य सरकार से परामर्श करके पदोन्नति से होने वाली रिक्तियों के निर्धारण से आरंभ होती है। दिनांक 31.12.1997 से, चयन सूची के आकार की संकल्पना को इस प्रकार संशोधित किया गया था कि जिस वर्ष के लिए चयन सूची तैयार की जा रही है उसकी 1 जनवरी को विद्यमान मूल रिक्तियों की संख्या से यह (चयन सूची) अधिक नहीं होगी। विचार क्षेत्र चयन सूची में शामिल किए जाने वाले अधिकारियों की संख्या के 3 गुना के बराबर होगा। संबंधित अ.भा.से. विनियमों का संकलन परिशिष्टों में दिया गया है।
चयन समिति की बैठकें (SCMs) संयोजित करने के लिए प्रस्ताव
अखिल भारतीय सेवाओं पर पदोन्नति के लिए चयन समिति की बैठकें संयोजित करने के लिए राज्य सरकार आवश्यक प्रस्ताव अग्रेषित करती है। इन प्रस्तावों में विभिन्न दस्तावेज जैसे वरिष्ठता सूची, पात्रता सूची, वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट, सत्यनिष्ठा प्रमाणपत्र, अधिकारियों के विरूद्ध लंबित अनुशासनिक/आपराधिक कार्यवाही, यदि कोई हो, का विवरण, अधिरोपित शास्तियों का विवरण यदि सम्मिलित होते हैं। आयोग द्वारा प्रस्ताव की जांच की जाती है और विनियमों के प्रावधानों की दृष्टि से अधिकारियों की पात्रता सत्यापित की जाती है। हर पहलू से प्रस्ताव पूर्ण होने के पश्चात आयोग चयन समिति की बैठक आयोजित करता है। राज्य सरकार द्वारा प्रस्तावों के साथ अग्रेषित किए जाने के लिए अपेक्षित दस्तावेजों की जांच सूची फार्म एवं डाउनलोड में दी गई है।
चयन समिति की बैठक (SCM) और इसकी प्रक्रिया:
सं.लो.से.आ. के अध्यक्ष/सदस्य चयन समिति की बैठकों की अध्यक्षता करते हैं, भा.प्र.से./भा.पु.से./भा.व.से. पर पदोन्नति के लिए राज्य सिविल/पुलिस/वन सेवा के अधिकारियों के चयन हेतु ये बैठकें वार्षिक रूप से आयोजित की जाती हैं। भा.प्र.से. (चयन द्वारा नियुक्ति) विनियम, 1997 के तहत गैर-राज्य सिविल सेवा अधिकारियों की भारतीय प्रशा.सेवा में नियुक्ति के लिए चयन भी चयन समिति द्वारा किया जाता है। सभी तीनों सेवाओं के लिए चयन समिति के गठन को विनियमों में विनिर्दिष्ट किया गया है और इसमें भारत सरकार के संयुक्त सचिव रैंक के स्तर से ऊपर के रैंक के नामितियों को शामिल किया जाता है। इसके अतिरिक्त, सं.लो.से.आ. के अध्यक्ष/सदस्य के अलावा चयन समिति के सदस्य अखिल भारतीय सेवाओं से होने चाहिए। आयोग के अध्यक्ष या सदस्य के अलावा, किसी सदस्य की अनुपस्थिति समिति की कार्यवाहियों को अमान्य नहीं करेगी, यदि समिति के आधे से अधिक सदस्यों ने बैठकों में भाग लिया है।
चयन समिति संबंधित पात्र अधिकारियों के सेवा अभिलेखों का मूल्यांकन करने के बाद उन्हें ‘’उत्कृष्ट’’ ‘’बहुत अच्छा’’ ‘’अच्छा’’ या ‘’अनुपयुक्त’’, जैसा भी मामला हो, के रूप में वर्गीकृत करती है। समिति वार्षिक गोपनीय रिपोर्टों में दर्ज की गई टिप्पणियों/ग्रेडों से निदेशित नहीं होती, बल्कि ये विभिन्न विशेषताओं के तहत दर्ज की गई प्रविष्टियों के आधार पर अपना स्वतंत्र मूल्यांकन करती है; और प्रक्रिया आयोग के आंतरिक दिशानिर्देशों के अनुसार अपनाई जाती है जो चयन के मामले में एकरूपता तथा सुसंगति सुनिश्चित करती है। यह सूची सबसे पहले अंतिम रूप से ‘’उत्कृष्ट’’ के रूप में वर्गीकृत अधिकारियों में से, फिर अंतिम रूप से ‘’बहुत अच्छा’’ के रूप में वर्गीकृत अधिकारियों में से और तत्पश्चात् समान रूप से ‘’अच्छा’’ के रूप में वर्गीकृत किए गए अधिकारियों में से अपेक्षित संख्या में नामों को सम्मिलित करके बनाई जाए और प्रत्येक श्रेणी के भीतर नामों का क्रम राज्य सिविल/ पुलिस/वन सेवा में उनकी परस्पर वरिष्ठता के क्रम में होना चाहिए। (दिशानिर्देश/प्रक्रिया देखें)
जहां शून्य रिक्ति के अलावा किसी भी कारणवश वर्ष के दौरान समिति की कोई बैठक आयोजित नहीं की जा सकी, वहां जैसे ही समिति की अगली बैठक हो, समिति की बैठक न हो पाने वाले प्रत्येक वर्ष के लिए चयन सूची पृथक रूप से बनाई जाए। ये उपबंध भा.प्र.से. (SCS), भा.पु.से. और भा.व.से. पर पदोन्नति के लिए लागू हैं।
अनंतिम रूप से शामिल करना:
सूची में शामिल किए गए अधिकारी के नाम को अनंतिम समझा जाएगा। यदि राज्य सरकार उनके सत्यनिष्ठा प्रमाण पत्र को रोक ले या उनके विरूद्ध कोई विभागीय या आपराधिक कार्यवाही लंबित हो या उनके विरूद्ध कुछ भी प्रतिकूल तथ्य दिया गया हो। पदोन्नति विनियम विनिर्दिष्ट करता है कि अनंतिम रूप से शामिल किए गए ऐसे अधिकारी को, चयन सूची की वैधता अवधि जो विनियम 7(4) के तहत् विनिर्दिष्ट है, के दौरान बिना शर्त बनाया जा सकता है। इसके लिए, राज्य सरकार को, वैधता अवधि के दौरान, आयोग को यह बताते हुए एक प्रस्ताव भेजना होगा कि अधिकारी को अनंतिम रूप से शामिल करने वाली शर्तें अब जारी नहीं हैं और यह कि राज्य सरकार अनुशंसा करती है कि उनका यह मत है कि अधिकारियों का नाम बिना शर्त बताया जाना चाहिए। ये विनियम चयन सूची की वैधता अवधि की समाप्ति के पश्चात बिना शर्त अधिकारियों के बनाने की व्यवस्था नहीं करता है।
आयोग द्वारा चयन सूची का अनुमोदन और इसकी वैधता:
चयन समिति द्वारा तैयार की गई सूची राज्य सरकार द्वारा आयोग को अनुमोदन के लिए भेजी जाती है। चयन समिति की सिफारिशों पर केंद्रीय सरकार भी अपने विचार प्रस्तुत करती है। आयोग द्वारा अनुमोदित की गई सूची से चयन सूची बनती है जो उस वर्ष की 31 दिसम्बर तक, जिसमें चयन समिति की बैठक आयोजित की गई है या आयोग द्वारा चयन सूची के अनुमोदन की तिथि से साठ दिनों तक, जो भी बाद में हो, लागू रहेगी। जहां तक चयन प्रक्रिया का संबंध है, चयन सूची के अनुमोदन के पश्चात सं.लो.से.आ. की भूमिका समाप्त हो जाती है।
अखिल भारतीय सेवाओं में नियुक्तियां:
चयन सूची के अनुमोदन के पश्चात, केंद्रीय सरकार इसे अधिसूचित करती है और चयन सूची के अधिकारियों को संबंधित अखिल भारतीय सेवाओं में नियुक्त करने के लिए कार्यवाही करती है। केंद्रीय सरकार अ.भा.से. निययमावली और विनियमों की रचना करने, व्याख्या करने और प्रशासित करने के लिए भी उत्तरदायी है।
भा.प्र.से./भा.पु.से. (संवर्ग) विनियम, 1954 और भा.व.से. (संवर्ग) विनियम, 1966 के नियम 9 के तहत गैर-संवर्ग राज्य सेवा अधिकारियों की भा.प्र.से./भा.पु.से./भा.व.से. संवर्ग पदों पर स्थानापन्न नियुक्तियां की जाती हैं। इन नियुक्तियों को अनुमोदित करते समय, यह सुनिश्चित किया जाता है कि निम्नलिखित शर्तें पूरी कर ली गई हैं:
1. पद के लिए संवर्ग का कोई अधिकारी उपलब्ध नहीं है।
2. भा.प्र.से./भा.पु.से./भा.व.से. (पदोन्नति द्वारा नियुक्ति) विनियमों के अनुसार तैयार की गई चयन सूची में दर्शाए गए अधिकारियों के नामों का जा क्रम है उसी क्रम में स्थानापन्न नियुक्तियां की जाती हैं।
3. जहां चयन सूची लागू नहीं है या गैर चयन सूची अधिकारी को नियुक्त किए जाने का प्रस्ताव है, राज्य सरकार कारणों को स्पष्ट करते हुए तुरंत केंद्रीय सरकार को प्रस्ताव भेजेगी और केंद्रीय सरकार के पूर्व अनुमोदन से नियुक्ति की जाएगी।
भा.प्र.से./भा.पु.से. (संवर्ग) विनियम, 1954 और भा.व.से. (संवर्ग) विनियम, 1966 के नियम 9(3) के निबंधनों के अनुसार ‘’जहां संवर्ग पद को छह माह से अधिक की अवधि के लिए ऐसे व्यक्ति द्वारा भरे जाने की संभावना है जो संवर्ग अधिकारी नहीं हैं, केंद्रीय सरकार, पद को भरने के लिए कोई अधिकारी उपयुक्त नहीं है ऐसा समझने के कारण सहित पूर्व तथ्यों की रिपोर्ट सं.लो.से.आ. को देगी और सं.लो.से.आ. द्वारा दिए गए परमर्श के परिप्रेक्ष्य में संबंधित राज्य सरकार को उचित निदेश दे सकती है।